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Friday, April 20, 2018

"कि दिल अभी भरा नहीं..."

सताओ तो कुछ और,
अभी दिल भरा नहीं
इरादे कुछ तो बढ़ाओ,अभी दिल भरा नहीं
कैसे हो तुम, कहां हो तुम,क्यों हो तुम और क्या हो तुम
प्रश्न..?अब सिर्फ प्रश्न है..?
सताओ तो कुछ और,
अभी दिल भरा नहीं

यह नाम,यह शाम,यह जाम
अब चुभते बहुत है
कुछ नया जख्म दिलाओ,
अभी दिल भरा नही

कोशिश पूरी करता हूं,तुझको इल्जाम न देने की
काश कुछ ऐसा कर जाते,औरों से अलग कुछ होने की
तक्सीम आदतें भी कर ली दिल फिर भी भरा नहीं
सताओ तो कुछ और,अभी दिल भरा नहीं

शुक्रगुजार हूं मैं,तेरा मुझ को, मुझमें,
मैं....दिखलाया
मैंने तो हर चीज में
सिर्फ तुम ही मैं,तुमको पाया

सह ना पाऊं में,
कुछ फिर से वह दो शब्द कहो
दिल अभी भरा नहीं
सताओ तो कुछ और अभी दिल भरा नहीं
इरादे कुछ तो बढ़ाओ अभी दिल भरा नहीं

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